Fuel Price: लोगों के लिए आई बड़ी खबर, सरकार ने कम किया तेल पर टैक्स, कीमतों में आई गिरावट
Fuel Price: देश में ईंधन की कीमतों में बदलाव महत्वपूर्ण हैं। साथ ही तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव का असर लोगों की जेब पर भी पड़ रहा है.
देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें लंबे समय से स्थिर बनी हुई हैं। इसमें किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है। पिछले कई महीनों से पेट्रोल-डीजल के दाम न तो बढ़े हैं और न ही घटे हैं। हालांकि, दूसरी तरफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है. इस बीच, सरकार ने अंतरराष्ट्रीय दरों में कमी के साथ-साथ देश में उत्पादित कच्चे तेल पर अप्रत्याशित कर में कटौती की है। इसके साथ ही डीजल और विमानन ईंधन के निर्यात पर लगने वाले शुल्क में भी कमी की गई है।
इतनी कीमत
पांचवें पखवाड़े की समीक्षा में सरकार ने घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर कर 13,300 रुपये प्रति टन से घटाकर 10,500 रुपये प्रति टन कर दिया। वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार डीजल के निर्यात पर शुल्क 13.5 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 10 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है।
कीमतें 6 महीने के निचले स्तर पर
साथ ही विमान ईंधन के निर्यात पर शुल्क 9 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 5 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है। नई दरें 17 सितंबर से लागू होंगी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें छह महीने के निचले स्तर पर आ गई हैं। इस वजह से विंडफॉल गेन टैक्स में कटौती की गई है।
अप्रत्याशित लाभ पर कर
भारत द्वारा खरीदे गए कच्चे तेल की औसत कीमत सितंबर में 92.67 डॉलर प्रति बैरल रही, जबकि पिछले महीने यह 97.40 डॉलर प्रति बैरल थी। भारत ने पहली बार 1 जुलाई को अप्रत्याशित लाभ कर लगाया था। इसके साथ, भारत उन देशों में शामिल हो गया जो ऊर्जा कंपनियों को अप्रत्याशित लाभ पर कर लगा रहे थे। हालांकि, उसके बाद से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में नरमी आई है। इससे तेल उत्पादकों और रिफाइनरियों दोनों के लाभ मार्जिन पर असर पड़ा।